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हिंदी कहानियां - भाग 57

एक दिन अकबर और बीरबल सूर्य उदय देख रहे थे तभी पास मे ही कहीं शोर सुनाई पड़ा। वे वहाँ पहुँचे और देखा कि कुछ यात्रियों को लूट कर डाकू वहाँ से भाग गये।


बादशाह ने सैनिकों को डाकुयों के पीछे भेजा, लकिन कुछ हाथ नहीं लगा। वे बिना कोई सबूत छोड़े भाग चुके थे।

अकबर बीरबल से बोले, “मेरे बादशाह होने का क्या फायदा यदि मेरी नाक के नीचे भी लोगो को लूट लिया जाता है?”

बीरबल ने उत्तर दिया, “जहाँपनाह एक बड़ा चिराग जो कई मीलों तक रोशनी देता है उसके अपने नीचे अंधेरा होता है।”

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